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भारतीय अर्थव्यवस्था: विकास की राह पर, लेकिन चुनौतियाँ भी मौजूद

भारतीय अर्थव्यवस्था पर CareEdge की जुलाई 2024 की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

वित्तीय क्षेत्र:

  • सरकारी विनिवेश: सरकार के पास ₹11.5 ट्रिलियन के विनिवेश की क्षमता है, लेकिन इसमें कई बाधाएं हैं। वित्तीय बाजार की अस्थिरता, प्रक्रियात्मक देरी, और मूल्य निर्धारण मुद्दे प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
  • टेलीकॉम क्षेत्र: टैरिफ में बढ़ोतरी से ARPU में 15% की वृद्धि और PBILDT में 20-22% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 5G निवेश के कारण ROCE पर दबाव बना हुआ है।
  • स्टॉक ब्रोकिंग: F&O सेगमेंट में भारी वृद्धि देखी गई है, जबकि कैश सेगमेंट में उतार-चढ़ाव रहा है। नियामक अनिश्चितता और प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
  • MSME क्षेत्र के लिए NBFC: NBFCs का MSME क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान बढ़ रहा है। FY25 तक MSME AUM ₹4.2 लाख करोड़ को पार कर सकता है। छोटे-टिकट वाले MSME-केंद्रित NBFCs में 35% की वृद्धि का अनुमान है।
  • फार्मास्युटिकल उद्योग: FY27 तक 9% की वृद्धि के साथ $70 बिलियन को पार करने की उम्मीद है। घरेलू बाजार में 9% और निर्यात में 10% की वृद्धि हुई है।

अर्थव्यवस्था:

  • विकास: सरकार को दीर्घकालिक विकास, ढांचागत सुधारों और 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए।
  • ग्रामीण स्वास्थ्य: ग्रामीण आय में सुधार और ग्रामीण स्वास्थ्य पर ध्यान देना व्यापक आर्थिक सुधार के लिए आवश्यक है।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश: वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और FDI आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना चाहिए।
  • रोजगार के अवसर: विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और श्रम-गहन निर्यात क्षेत्रों का समर्थन करने से रोजगार सृजन हो सकता है।
  • मानव पूंजी: स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास पर खर्च बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
  • राजकोषीय समेकन: सरकार को पूंजीगत व्यय और उपभोग बढ़ाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना चाहिए, लेकिन राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को नहीं भूलना चाहिए।
  • उभरते क्षेत्र: अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर्स और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

ऑटोमोबाइल क्षेत्र:

  • पैसेंजर वाहन (PV) बिक्री: FY25 में 3-5% की मध्यम वृद्धि का अनुमान है। प्रीमियम वाहनों की मांग बढ़ रही है, जबकि एंट्री-लेवल वेरिएंट की मांग कम है।
  • UV सेगमेंट: UV सेगमेंट का दबदबा जारी है, जिसकी मात्रा में 22.4% की वृद्धि हुई है।
  • इलेक्ट्रिक वाहन (EV): इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में सुधार जारी है, FY24 में 90% की वृद्धि दर्ज की गई है।

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