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भारतीय डॉक्टर ने जॉर्डन के पहले रोबोटिक रेडिकल हिस्टरेक्टॉमी में भाग लिया

जॉर्डन में चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घटना घटी जब देश में पहली बार रोबोटिक रेडिकल हिस्टरेक्टॉमी सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में एक भारतीय डॉक्टर ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे दोनों देशों के बीच चिकित्सा सहयोग को बढ़ावा मिला।

Dr Mahmoud Al Masri Chairman Department of Surgery KHCC with HCGMCC s Dr Raj Nagarkar

रेडिकल हिस्टरेक्टॉमी एक जटिल सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, और आसपास के ऊतकों को हटा दिया जाता है, आमतौर पर कैंसर के मामलों में। रोबोटिक सर्जरी न्यूनतम इनवेसिव तकनीक का उपयोग करती है, जिससे मरीजों के लिए कम दर्द, कम रक्त हानि और तेजी से रिकवरी संभव हो पाती है।

इस ऐतिहासिक सर्जरी में भारतीय डॉक्टर की भागीदारी न केवल उनकी विशेषज्ञता को दर्शाती है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को भी रेखांकित करती है। यह जॉर्डन और भारत के बीच चिकित्सा ज्ञान और तकनीकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस सफलता से जॉर्डन में रोबोटिक सर्जरी के भविष्य के लिए नए रास्ते खुलने की उम्मीद है और उम्मीद है कि इससे अधिक मरीजों को इस उन्नत तकनीक का लाभ मिलेगा। यह भारत और जॉर्डन के बीच चिकित्सा सहयोग के एक नए युग की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो दोनों देशों के लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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