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भूल से भी ये 9 गलतियाँ ऑफिस में कभी न करें


हम सभी ने लोगों को काम के दौरान कुछ बेहद पागलपन भरी हरकतें करते हुए सुना है (या प्रत्यक्ष रूप से देखा है)। सच तो यह है कि आपको अपने करियर को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के लिए खिड़की से कुर्सी फेंकने या प्रेजेंटेशन के बीच में ही कुर्सी छोड़ने की जरूरत नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने प्रतिभाशाली हैं या आपने क्या हासिल किया है, कुछ ऐसे व्यवहार हैं जो लोगों के आपको देखने के तरीके को तुरंत बदल देते हैं और वो आपको हमेशा नकारात्मक नजरिये से देखते हैं।

अधिकतर लोगों को आपने देखा होगा जो अपने ऑफिस में जाने -अनजाने ऐसे कई कार्य करते रहते हैं जिनके कारण उनकी इमेज पर नकारात्मक प्रभाव हमेशा के लिए पड़ जाता है। इसके लिए जरुरी नहीं कि आप कोई बड़ी गलती ही करे कई बार बहुत ही छोटी -छोटी बातें होती हैं जिनको करने पर भी हमारी इमेज हमेशा के लिए ख़राब हो सकती है।

हम कुछ पॉइंट यहाँ दे रहे हैं जिनसे आपको हमेशा हर कीमत पर बचना चाहिए

यह कई तरह से हो सकता है हम अपना भला करने के लिए अपने ही सहकर्मियों के साथ छल करने लग जाते हैं ।जो सहकर्मियों की पीठ में छुरा घोपने जैसा ही निंदनीय होता है । किसी समस्या को हल करने के लिए पीठ पीछे छुरा घोंपना सबसे आम रूपों में से एक है। लोग आम तौर पर संघर्ष से बचने के प्रयास में ऐसा करते हैं, लेकिन जैसे ही उस व्यक्ति को यह समझ में आता है कि उसके साथ छल हो रहा है , वे और भी अधिक संघर्ष पैदा कर देते हैं। जब भी आप किसी को उसके सहकर्मियों की नज़रों में बुरा दिखाते हैं, तो यह पीठ में छुरा घोंपने जैसा लगता है, चाहे आपके इरादे कुछ भी हों।

अपने सहकर्मियों की पीठ पीछे बुराई कभी नहीं करनी चाहिये, ऐसा चाहे कोई जानबूझकर करे या अनजाने में यह कार्यस्थल पर कलह का एक बड़ा कारण बन जाता है । किसी समस्या को हल करने के लिए पीठ पीछे बुराई करना सबसे आम रूपों में से एक है। लोगों को लगता है कि किसी की बुराई करके हम उस व्यक्ति की इमेज ख़राब कर रहें हैं पर असल में हम अपनी ही इमेज पर दाग लगा रहे होते हैं,क्योंकि कभी न कभी यह बात सामने आती जरुर है और तब लोग आपसे कटने लगते हैं कि यदि यह व्यक्ति किसी और की बुराई कर सकता है तो मेरी भी कर सकता है,और तब आप हमेशा के लिए लोगों कि नजरों में गिर जाते हैं जो आपकी इमेज के लिए सही नहीं है ।

हम सभी ने उस घबराहट भरी अनुभूति का अनुभव किया है जो तब होती है जब आपको पता चलता है कि किसी ने आपका विचार चुरा लिया है। किसी और के काम का श्रेय लेना – चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो – यह धारणा बनाता है कि आपने अपने दम पर कुछ भी महत्वपूर्ण हासिल नहीं किया है। क्रेडिट चुराने से यह भी पता चलता है कि आपको अपनी टीम और अपने कामकाजी रिश्तों के प्रति कोई सम्मान नहीं है।

कुछ लोग आपके हितेषी बन कर आपका ही बुरा कर सकते हैं ,किसी को भी अपनी ड्राइविंग सीट पर न बैठने दें नहीं तो वो आपको जहाँ चाहेगा ले जयेगा। हमें हमेशा अपनी बुद्दि का प्रयोग करना चाहिए दूसरे क्या कहते हैं कितना कहते हैं यह हमे अपनी बुद्दि से ही तय करना चाहिए ।अपने काम को सही तरीके से समझ कर करना चाहिए न कि किसी और के कहे अनुसार तभी लोग आप पर भरोसा करेगें।

कोई भी बॉस कार्यस्थल पर यह सुनना पसंद नहीं करता कि उसके कर्मचारी यह कहें कि उसे अपना काम पसंद नहीं है या वो अपने काम से नफरत करता है । यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी छबि को नकारात्मक होने से कोई नहीं रोक सकता और जब आपके बॉस ही यह समझ जाते हैं कि आप अपने काम का सम्मान नहीं करते तो वो जल्द ही आपकी जगह किसी ऐसे व्यक्ति को अपने कार्यालय में जगह देगा जो अपने काम से प्यार करे, उसे सम्मान दे, क्योंकि वह जनता है कि जो कर्मचारी अपने काम से प्यार करता है वो ही उसकी कम्पनी को आगे लेकर जायेगा।

अपने कार्यस्थल पर बड़ी -बड़ी बातें करने से हमेशा बचना चाहिए, जितना जरुरी हो और जितना सच हो उसी का बखान करना चाहिए न कि कुछ भी गलत सही अपने सहकर्मियों को बताना चाहिए, ऐसा करके आप कुछ समय के लिए तो अपनी इमेज बना सकते हैं पर जल्द आपको इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा। कभी -कभी कुछ लोग अपनी इमेज बनाने के लिए कुछ बड़े वादे अपने बॉस से कर लेते हैं पर समय आने पर उसे पूरा नहीं कर पाते और होता यह है कि आपकी इमेज हमेशा के लिए ख़राब हो जाती है।

बहुत सारे झूठ अच्छे इरादों से शुरू होते हैं – लोग खुद को या किसी और को बचाना चाहते हैं और उसके लिए वो झूठ का सहारा लेते हैं, लेकिन झूठ का पता चलने के बाद आप लोगों की नजरों में गिर जाते हैं, और एक बार जब हर कोई जान जाता है कि आपने झूठ बोला है, तो इसे वापस नहीं लिया जा सकता है।झूठ में फंसना, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, आपके आत्मसम्मान के लिए गलत होता है। यदि आप जो हैं उसमें खुश रहना चाहते हैं तो आपको प्रामाणिक होना होगा।

जब तक आप किसी जहाज़ पर काम नहीं करते, आपके सहकर्मियों को इस बात पर आपत्ति होगी कि आप पूरी जगह को पुरानी मछली की तरह महकाते हैं। जब कार्यस्थल पर भोजन की बात आती है तो सामान्य नियम यह है कि ऐसी कोई भी चीज, जिसकी गंध रसोई के दरवाजे के बाहर तक आ सकती है, उसे घर पर ही छोड़ देना चाहिए।

यह एक छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन बदबूदार भोजन अविवेकपूर्ण और ध्यान भटकाने वाला होता है जब कोई ऐसी चीज़ जो दूसरे लोगों के लिए असुविधा पैदा करती है,तो इससे जल्दी ही नाराजगी पैदा हो जाती है। आपका तीखा दोपहर का भोजन हर किसी को बताता है कि आपको उनकी परवाह नहीं है, भले ही आप उनकी परवाह करते हों।

तो हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपना लंच बॉक्स हमेशा ऐसा रखे जिससे दूसरों को कोई परेशानी न हो।

यह हमेशा याद रखें कि जिन भी लोगों के साथ आप काम करते हैं उनके साथ अपने सम्बन्ध हमेशा अच्छे रखने चाहिए, यदि आप किसी एक ऑफिस को छोड़ कर किसी दूसरे ऑफिस को ज्वाईन करते हैं तो पुराने ऑफिस में अपने सम्बन्ध बेहतर रखते हुए ही उस ऑफिस को छोड़ना चाहिए ताकि यदि कभी आपको उसी पुराने ऑफिस में यदि लोटना पड़े तो आप आसानी से वहां लौट सको, यदि आपके सम्बन्ध सही हैं तो आपको वापस जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी, इसके आलावा आपका सारा काम उन लोगों के इर्द-गिर्द घूमता है जिनसे आप मिलते हैं और जो संबंध आप बनाते हैं। किसी भी व्यावसायिक रिश्ते पर परमाणु बम गिराना एक बड़ी गलती है।

तो ये कुछ जरुरी बातें हैं जिन्हें हमें अपने ऑफिस में ध्यान रखना चाहए जिससे हम खुद के साथ ही अपने कार्यस्थल का माहोल भी उम्दा रख सकें।

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